गाँव चुहचुही, गाड़ासरई के पास मध्यप्रदेश-
19 फरवरी 2020 को हमारे महाकाल गुरु देव से उनके एक शिष्य संतोष साहू ने संपर्क किया और बताया कि संतोष का मित्र देव सिंह कुशराम व उसकी पत्नी कविता का परिवार विगत 11 वर्षों से प्रेत बाधा से पीड़ित है,
गुरु देव ने कहा कि तुम लोग जिस जगह से हो वहां तो झार लगाने वाले लोग आसानी से मिल जाते हैं फिर इतना समय कैसे बिता दिया
इसपर संतोष ने कहा कि, उस गांव में विगत 25 30 वर्षों से ऐसी नकारात्मक ऊर्जा का बहुत खतरनाक आतंक है व जो भी व्यक्ति वहां इस समस्या का निदान करने जाता है उसके साथ अनहोनी हो जाती है, इसके अतिरिक्त जो परिवार इस समस्या से पीडित है वह अपनी फसल नही काट सकता नही तो जो भी पहले फसल को हाँथ लगाता है उसकी मौके पर या कुछ दिनों में मौत हो जाती है,
मेरे दोस्त देव के भी परिवार में ऐसी मौतें हो चुकी हैं।
ये सुनकर गुरु जी भी हैरान रह गए, किन्तु प्रभु का नाम लेकर संतोष को कहा कि हम ये चुनौती स्वीकार करते हैं
और आज ही उस जगह चलना चाहेंगे, संतोष ने पीड़ित से बात करके गुरु जी के आगमन का प्रबंध किया
गुरु जी अपने शिष्य के साथ गंतव्य को पहुंचे, तथा पीड़ित के घर का अवलोकन किया, फिर अपने चेला से कहा कि इनको झार लगाओ, चेला ने अपने मंत्र चलाए परंतु चेला के मंत्र कट गए, चेला भी भयभीत व निराश हो गया, गुरु जी समझ गए थे कि जो भी अदृश्य बुरी शक्ति यहां है वह प्रबल है, क्योंकि गुरु जी के उस चेले के मंत्र विरले ही विफल होते हैं।
महाकाल गुरु जी ने फिर स्वयं ही मरीजों को देखने का निर्णय लिया
और जैसे ही पीड़ित पर हाँथ रखा, उसके शरीर से पीड़ा 90% चली गई, जब पीड़ित ने यह बात स्वीकारी तो गुरु जी का आत्मविश्वास बढ़ा की यहाँ हमे सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
फिर गुरु जी ने समस्त क्रियाएं सम्पन्न की, और जब वापस आने लगे तो चेले ने उन्हें बताया कि गुरु जी मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है और पैरों में दर्द भी शुरू हो गया है
महाकाल गुरु देव बोले चुपचाप चलो जब आश्रम पहुंच जाएंगे तब देखेंगे,
फिर आश्रम पहुंच कर गुरु देव ने पूछा अब दर्द कैसा है, शिष्य ने कहा कि अब ठीक है और बोला गुरु जी वहां वास्तव में बहुत खतरनाक प्रेत बाधाएं हैं, तत्पश्चात बांकी की क्रिया सम्पन्न की गईं, अगले दिन पीड़ित से फोन पर उसका हाल चाल पूंछा गया, पीड़ित ने बताया उसे थोड़ा पेट मे पीड़ा है, तब गुरु देव ने कहा धीरे धीरे आराम हो जाएगा उसमे भी, हम भगवान तो नही और 11 वर्ष की समस्या है, इसके अतिरिक्त प्रेत बाधा हमने हटा दी है अब तुम्हे दवा असर करेगी।
फिर आज दिनांक 24 फरवरी 2020 को बताया गया कि काफी आराम है बस कब्ज और गैस है जिसकी दवा चल रही है। तथा जैसा कि संतोष ने बताया था कि जो भी उस गांव के लोगों का भला करने की कोशिश करे उसके साथ दुर्घटना हो जाती थी, तो वैसा कुछ भी गुरु देव और शिष्य के साथ नही हुआ, दोनो ही सुरक्षित हैं।
भगवान देव सिंह व उसके परिवार को सुखी जीवन प्रदान करें।
पीड़ित की फ़ोटो संलग्न है।
9 मार्च 2020 की अपडेट के अनुसार इस परिवार को 95% आराम है।
19 फरवरी 2020 को हमारे महाकाल गुरु देव से उनके एक शिष्य संतोष साहू ने संपर्क किया और बताया कि संतोष का मित्र देव सिंह कुशराम व उसकी पत्नी कविता का परिवार विगत 11 वर्षों से प्रेत बाधा से पीड़ित है,
गुरु देव ने कहा कि तुम लोग जिस जगह से हो वहां तो झार लगाने वाले लोग आसानी से मिल जाते हैं फिर इतना समय कैसे बिता दिया
इसपर संतोष ने कहा कि, उस गांव में विगत 25 30 वर्षों से ऐसी नकारात्मक ऊर्जा का बहुत खतरनाक आतंक है व जो भी व्यक्ति वहां इस समस्या का निदान करने जाता है उसके साथ अनहोनी हो जाती है, इसके अतिरिक्त जो परिवार इस समस्या से पीडित है वह अपनी फसल नही काट सकता नही तो जो भी पहले फसल को हाँथ लगाता है उसकी मौके पर या कुछ दिनों में मौत हो जाती है,
मेरे दोस्त देव के भी परिवार में ऐसी मौतें हो चुकी हैं।
ये सुनकर गुरु जी भी हैरान रह गए, किन्तु प्रभु का नाम लेकर संतोष को कहा कि हम ये चुनौती स्वीकार करते हैं
और आज ही उस जगह चलना चाहेंगे, संतोष ने पीड़ित से बात करके गुरु जी के आगमन का प्रबंध किया
गुरु जी अपने शिष्य के साथ गंतव्य को पहुंचे, तथा पीड़ित के घर का अवलोकन किया, फिर अपने चेला से कहा कि इनको झार लगाओ, चेला ने अपने मंत्र चलाए परंतु चेला के मंत्र कट गए, चेला भी भयभीत व निराश हो गया, गुरु जी समझ गए थे कि जो भी अदृश्य बुरी शक्ति यहां है वह प्रबल है, क्योंकि गुरु जी के उस चेले के मंत्र विरले ही विफल होते हैं।
महाकाल गुरु जी ने फिर स्वयं ही मरीजों को देखने का निर्णय लिया
और जैसे ही पीड़ित पर हाँथ रखा, उसके शरीर से पीड़ा 90% चली गई, जब पीड़ित ने यह बात स्वीकारी तो गुरु जी का आत्मविश्वास बढ़ा की यहाँ हमे सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
फिर गुरु जी ने समस्त क्रियाएं सम्पन्न की, और जब वापस आने लगे तो चेले ने उन्हें बताया कि गुरु जी मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है और पैरों में दर्द भी शुरू हो गया है
महाकाल गुरु देव बोले चुपचाप चलो जब आश्रम पहुंच जाएंगे तब देखेंगे,
फिर आश्रम पहुंच कर गुरु देव ने पूछा अब दर्द कैसा है, शिष्य ने कहा कि अब ठीक है और बोला गुरु जी वहां वास्तव में बहुत खतरनाक प्रेत बाधाएं हैं, तत्पश्चात बांकी की क्रिया सम्पन्न की गईं, अगले दिन पीड़ित से फोन पर उसका हाल चाल पूंछा गया, पीड़ित ने बताया उसे थोड़ा पेट मे पीड़ा है, तब गुरु देव ने कहा धीरे धीरे आराम हो जाएगा उसमे भी, हम भगवान तो नही और 11 वर्ष की समस्या है, इसके अतिरिक्त प्रेत बाधा हमने हटा दी है अब तुम्हे दवा असर करेगी।
फिर आज दिनांक 24 फरवरी 2020 को बताया गया कि काफी आराम है बस कब्ज और गैस है जिसकी दवा चल रही है। तथा जैसा कि संतोष ने बताया था कि जो भी उस गांव के लोगों का भला करने की कोशिश करे उसके साथ दुर्घटना हो जाती थी, तो वैसा कुछ भी गुरु देव और शिष्य के साथ नही हुआ, दोनो ही सुरक्षित हैं।
भगवान देव सिंह व उसके परिवार को सुखी जीवन प्रदान करें।
पीड़ित की फ़ोटो संलग्न है।
9 मार्च 2020 की अपडेट के अनुसार इस परिवार को 95% आराम है।
Trikal Darshi Guru Dev
Consulting Fee 1100 Rs
Jai siyaram 🙏🙏
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