हैदराबाद में एक टीवी रिपोर्टर के साथ एक निश्चित अवधि में दुर्घटनाएं हो रही थी
जब उसने गुरु जी से संपर्क किया तो गुरु जी द्वारा उसे मार्ग दर्शन दिया गया व अनुष्ठान का मार्ग बताया गया
परंतु आज कल फेक बाबाओं के कारण लोगों का इन बातों पर यकीन नही होता
रिपोर्टर को भी नही था
परंतु उसी एक निश्चित अवधि के बाद फिर घात हुआ और आज वह कोमा में है
उसकी पत्नी व बच्चे असहाय हो गए, चैनल की तरफ से जो भी मुआवजा मिला उसी में जीवन यापन हो रहा है।
अब पछताए होत का जब चिड़िया चुघ गई खेत
इसमे दोषी किसे कहा जाए , पाखंडियों को, रिपोर्टर को या उसके भाग्य को।
ऐसी स्थिति में निवारण मुश्किल होता है
क्योंकि जीवन मरण सिर्फ इस्वर के हाँथ है।
जय महाकाल
जब उसने गुरु जी से संपर्क किया तो गुरु जी द्वारा उसे मार्ग दर्शन दिया गया व अनुष्ठान का मार्ग बताया गया
परंतु आज कल फेक बाबाओं के कारण लोगों का इन बातों पर यकीन नही होता
रिपोर्टर को भी नही था
परंतु उसी एक निश्चित अवधि के बाद फिर घात हुआ और आज वह कोमा में है
उसकी पत्नी व बच्चे असहाय हो गए, चैनल की तरफ से जो भी मुआवजा मिला उसी में जीवन यापन हो रहा है।
अब पछताए होत का जब चिड़िया चुघ गई खेत
इसमे दोषी किसे कहा जाए , पाखंडियों को, रिपोर्टर को या उसके भाग्य को।
ऐसी स्थिति में निवारण मुश्किल होता है
क्योंकि जीवन मरण सिर्फ इस्वर के हाँथ है।
जय महाकाल
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